गाँव से बना ये गढ़वा हमारा ,
खेतों नदियों पहाड़ों से सज़ा ये गढ़वा हमारा।
मेहनत करते, मिल कर चलते, ऐसे गढ़वा वासी हमारे
हर क्षेत्र में पहचान बनाते, समरिधि के गुण हैं सारे।
आ बैठा दुस्मान दरवाज़े, कोरोना का नक़ाब है साजे ।
रोक रहा रफ़्तार विकास की, थाम रहा हम सब कि साँसे।
पर हम गढ़वा वासी हैं, कभी नहीं जो हिम्मत हारे
हारेगा ये कोरोना भी हमसे, मन में है दृढ़ संकल्प विश्वास हमारे ।
आइए शपथ लें, स्वच्छता सतर्कता और सावधानी का
मास्क लगाएँगे, हाथ को साबुन से साफ़ करेंगे और दूरी बनाएँगे,
और गढ़वा से कोरोना को दूर भगाएँगे।
गढ़वा का प्रण, जीतेंगे कोरोना से जंग
स्वच्छता सतर्कता और सावधानी के संग ।